तन तो एक सराय है आत्मा है मेहमान तन को अपना मानकर मोह न कर नादान,
जिंदगी हमे सिखाती है कि अगर शान्ति चाहिए तो दूसरों की शिकायत करने से बेहतर है खुद को बदलो ,
क्योकि पूरी दुनिया में कार्पेट बिछाने से खुद के पैरों में चप्पल पहन लेना अधिक सरल है
तन तो एक सराय है आत्मा है मेहमान
तन को अपना मानकर मोह न कर नादान,
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